عن الفتوى

التاريخ :

Mon, Apr 13 2015
:السؤال

मुसलमान महिला का उस ग़ैरमुस्लिम से शादी करना जिसके इस्लाम स्वीकारने की आशा हो

मुसलमान महिला के ग़ैर मुस्लिम से शादी करने का क्या हुक्म है विशेषकर जब उसे शादी के बाद उसके इस्लाम स्वीकारने की आशा हो ? क्योंकि बहुत सी मुस्लिम महिलायें यह दावा करती हैं कि उन्हें आम तौर पर योग्य मुसलमान नहीं मिलते हैं, तथा उन्हें भ्रष्ट होने और बिगड़ने का खतरा है या वे कठोर परिस्थति में जीवन यापन करने पर मजबूर होंगी ?

الإجابة:
الإجابة:

हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है।

मुसलमान महिला का ग़ैर मुस्लिम से शादी करना शरीअत में, क़ुर्आन व हदीस और मुसलमानों की सर्वसमहति के प्रमाणों के आधार पर, वर्जित व निषिद्ध है। (देखिएः प्रश्न संख्याः 689) और यदि शादी हो गई है तो वह बातिल (व्यर्थ व अमान्य) है, और उसके ऊपर निकाह पर निष्कर्षित होने वाले प्रणाम निष्कर्षित नहीं होंगे, और इस शादी से पैदा होने वाले बच्चे अवैध (नाजायज़) हैं। और पतियों के मुसलमान होने की आशा, इस हुक्म (प्रावधान) को कुछ भी परिवर्तित नहीं कर सकती है।

इस्लाम प्रश्न और उत्तर

शैख मुहम्मद बिन सालेह मुनज्जिद