فتوا کے بارے میں

تاریخ :

Fri, May 22 2015
سوال

तौहीद (एकेश्वरवाद) की गवाही का मतलब

ला इलाहा इल्लल्लाह (अल्लाह के अलावा कोई वास्तविक पूज्य नहीं) और मुहम्मदुर्रसूलुल्लाह (मुहम्मद अल्लाह के संदेष्टा हैं) की गवाही देने का मतलब क्या है ?
جواب
جواب

हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान अल्लाह के लिए योग्य है।

अल्लाह की स्तुति के बाद : "ला इलाहा इल्लल्लाह" की गवाही का अर्थ यह है कि : अल्लाह तआला के सिवाय हर चीज़ से इबादत (उपासना और पूजा) की पात्रता का इनकार करना, और उसे एक मात्र सर्वशक्तिमान अल्लाह के लिए साबित करना जिसका कोई साझी नहीं, अल्लाह तआला का फरमान है : "यह सब इस लिए कि अल्लाह ही सत्य है और उसके अतिरिक्त जिसे भी यह पुकारते हैं वह असत्य है, और नि:सन्देह अल्लाह ही सर्वोच्च और महान है।" (सूरतुल हज्ज : 62)

शब्द (ला इलाहा) अल्लाह के अलावा पूजी जाने वाली सभी चीज़ों का इनकार करता है, और शब्द (इल्लल्लाह) हर प्रकार की इबादत को केवल अल्लाह के लिए सिद्ध करता है। अत: उसका मतलब यह है कि : अल्लाह के सिवाय कोई सत्य पूज्य नहीं है।

तो जिस तरह अल्लाह तआला का उसके अधिराज्य में कोई साझी नहीं उसी तरह अल्लाह सुब्हानहु व तआला का उस की पूजा और उपासना में भी कोई साझी नहीं।

तथा "मुहम्मदुर्रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम" की गवाही देने का मतलब यह है कि : दिल की गहराई से, जो ज़ुबान के इक़रार के अनुकूल हो, इस बात की सुदृढ़ पुष्टि करना कि मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम अल्लाह के उपासक और सभी मानव जाति और जिन्न की ओर उसके संदेश्वाहक और ईश्दूत हैं, अत: आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने बीती हुई चीज़ों (भूतकाल) के समाचार और आने वाली चीज़ों (भविष्य) की खबरों से संबंधित जो सूचना दी है, और जो कुछ हलाल (वैध) ठहराया है, और जो कुछ हराम (निषिद्ध) ठहराया है उन में आप की पुष्टि करना, आप ने जिस चीज़ का आदेश दिया है उसका पालन करना, और जिस चीज़ से रोका है उस से रूक जाना, आप की शरीअत का अनुसरण करना, और प्रोक्ष एंव प्रत्यक्ष में आप की सुन्नत की पाबंदी करना, साथ ही साथ आप के फैसले पर संतुष्ट होना और उसे स्वीकार करना अनिवार्य है, तथा इस बात से अवगत रहना चाहिए कि आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का आज्ञापालन वास्तव में अल्लाह तआला का आज्ञापालन है, और आप की अवज्ञा दरअसल अल्लाह तआला की अवज्ञा है, क्योंकि आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम अल्लाह की तरफ से उसके संदेश को लोगों तक पहुँचाने वाले और उसके प्रचारक हैं, और अल्लाह तआला ने आप को मृत्यु नहीं दी यहाँ तक कि आप के द्वारा दीन (इस्लाम धर्म) को परिपूर्ण कर दिया और आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम अल्लाह ने संपूर्ण और स्पष्ट रूप से उसे लोगों तक पहुँचा दिया, अत: अल्लाह तआला आप को हमारी तरफ से सर्वश्रेष्ठ बदला जो उस ने किसी ईश्दूत को उस की जाति की तरफ से और किसी संदेष्टा को उसकी समुदाय की ओर से बदला दिया हो।

कोई भी व्यक्ति इन दोनों गवाहियों के बिना इस्लाम धर्म में प्रवेश नहीं कर सकता है, और ये दोनों गवाहियाँ एक दूसरे के लिए आवश्यक हैं, इसलिए "ला इलाहा इल्लल्लाह" की गवाही की शर्तें वहीं है जो मुहम्मदुर्रसूलुल्लाह की गवाही की शर्तें हैं, और ये सब प्रश्न संख्या (9104) और (12295) में अपने प्रमाणों सहित उल्लिखित हैं।

और अल्लाह तआला ही सर्वश्रेष्ठ ज्ञान रखता है।

शैख मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद