क़ुरआन मजीद अंतिम ईशग्रंथ

क़ुरआन मजीद अंतिम ईशग्रंथः क़ुरआन अल्लाह की अंतिम किताब है जिसे उसने सर्व मानव-जाति के मार्गदर्शन के लिए अवतिरित किया है। यह किताब लोक-परलोक में सफलता और सौभाग्या का मार्ग दर्शाती है। प्रस्तुत पुस्तक में सतर्क औऱ स्पष्ट रूप से इस तथ्य का वर्णन किया गया है कि क़ुरआन एक ईश्वरीय ग्रंथ है, कोई मानव रचित पुस्तक नहीं है। मानव जीवन जिन विभिन्न समस्याओं से जूझ रहा है उनका एकमात्र समाधान इसी अंतम ईशग्रंथ में है, जिसके अंदर मानवता के लिए एक संपूर्ण जीवन प्रणाली, नियम और संविधान प्रस्तुत किया गया है, और इस कारण कि यही अंतिम ईशग्रंथ है जो हर प्रकार से सुरक्षित है क्योंकि इसका रक्षक स्वयं अल्लाह तआला है, जबकि इससे पुर्व के सभी ग्रंथ परिवर्तित कर दिए गए – यही मानवता के लिए लोक एवं परलोक में सफलता, सौभाग्य और मोक्ष प्राप्त करने का एकमात्र साधन है। इस ग्रंथ की प्रामाणिकता वैज्ञानिक प्रमाणों से भी सिद्ध है और वह अपने अवतरण के समय से आज तक चुनवती बना हुआ है और रहती दुनिया तक यह चुनौती निरंतर बाक़ी है कि कोई व्यक्ति इसके समान कुछ छंद भी प्रस्तुत नहीं कर सकता। तथा इस पुस्तक में यह तथ्य भी स्पष्ट किय गया है कि बहुत से लोग ईश्वर में विश्वास रखते है परंतु ईश्वर के बारे में उनकी कल्पनाओ का कोई विश्वसनीय आधार नहीं है, ईश्वर का स्पष्ट तसव्वुर और उसके गुण विशेषण की व्याख्या क़ुरआन में प्रस्तुत किया गया है, जिसकी जानकारी इस पुस्तक में दी गई है।
क़ुरआन मजीद अंतिम ईशग्रंथ

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Über das Buch

Autor :

التفات أحمد إصلاحي

Herausgeber :

www.islamland.com

Kategorie :

Über den Heiligen Quran